आजकल ईश्वर कहाँ है ?


हिन्दू धर्म देवियों और देवताओं का धर्म है। इस धर्म में अनेकों प्रकार के देवी देवताओं की पूजा होती है। इस धर्म के अनुसार ब्रह्मा हमें पैदा करते हैं, विष्णु हमारा संचालन करते हैं और महेश (शिव) हमारा अंत करते हैं। ये अंत ही फिर से हमारी नयी शुरुआत करता है, यानी हमें एक नया जीवन मिलता है। सृष्टि को चलाने के लिए ईश्वर ने सरकार की तरह ही विभागों का बंटवारा किया है जिन विभागों का संचालन विभिन्न प्रकार के देवी-देवता करते हैं। जैसे कि शिक्षा विभाग सरस्वती को, वित्तीय विभाग लक्ष्मी और कुबेर को, ऊर्जा विभाग सूर्यदेव को, तकनिकी विभाग विश्वकर्मा को, बिजली और पानी विभाग इंद्र को और इसी तरह हर विभाग का संचालन कोई न कोई देवी या देवता करता है।

ईश्वर और देवी-देवता शक्ति में सम्पूर्ण हैं और अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं, न की हमारे देश के सरकारी बाबुओं की तरह, जिन्हें हर काम के लिए रिश्वत चाहिए। देवियों और देवताओं की कई संतानें भी हैं जैसे की शिव और पार्वती से गणेश, राम और सीता से लव और कुश, कृष्ण और रुक्मणी से प्रद्युम्न आदि।

अब एक बहुत बड़ा सवाल ये सामने आता है की अब ये भगवान् कहाँ हैं ? अब क्यों कोई ईश्वर का अवतार नहीं होता? पहले जो ईश्वर भक्त की पीड़ा सुन एक क्षण विलम्भ किये बिना उसकी रक्षा करने आ जाते थे अब वो ईश्वर कहाँ है?

आइये एक घटना की तरफ ध्यान दें - दिसंबर 2016 की बात है, देश की राजधानी दिल्ली में एक 3 वर्षीया बच्ची का बलात्कार होता है।  पूरी खबर कुछ इस तरह है -

उत्तरी दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में एक व्यक्ति ने साढ़े तीन साल की एक बच्ची का अपहरण करने के बाद बलात्कार किया और उसके बाद उसे मरा हुआ समझकर एक गड्ढे में फेंक दिया। 

पीड़ित बच्ची की बड़ी बहन ने पुलिस को बताया कि उसने एक व्यक्ति को अपनी बहन को चॉकलेट देते हुए देखा था, जिसके बाद पुलिस ने 21 और 22 नवंबर की दरम्यानी रात को 35 वर्षीय बीरबल को गिरफ्तार किया। 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि उसने बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसे मरा हुआ समझकर एक गड्ढे में फेंक दिया था। 

आरोपी को सुबह में उस जगह पर ले जाया गया जहां उसने बच्ची को फेंका था. बच्ची वहां पर अचेत अवस्था में पाई गई जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया और अब उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। 

खबर की लिंक :- https://khabar.ndtv.com/news/delhi-ncr/3-year-old-raped-left-to-die-in-6-foot-deep-pit-in-delhi-1629016


अब अगर ये पूछा जाये की तमाम देवी-देवता गण और स्वयं ईश्वर कहाँ थे जब 3 साल की एक मासूम बच्ची का शोषण हो रहा था? वो सर्वशक्तिमान ईश्वर जो पूरी सृष्टि का पल में ही नाश कर दे क्या वो उस वक्त कुछ ऐसा नहीं कर सकता था जिससे ऐसी घिनौनी हरकत करने वाले को उसी वक्त सजा मिल जाए?

कुछ ज्ञानी लोग ये तर्क देते हैं कि जरूर उस लड़की ने पिछले जन्म में कोई घिनौना पाप किया था जिसकी उसे इस जन्म में सजा मिली।  तो मैं उनसे ये पूछना चाहता हूँ कि फिर तो जिसने बलात्कार किया वो तो ईश्वर का मददगार हुआ जिसने सजा दिलाने में ईश्वर की मदद की। उसे तो इनाम मिलना चाहिए सजा नहीं। ऐसे तर्क देकर हम अपनी ही मूर्खता का परिचय देते हैं। रोज हमारे अखबार ऐसी ही ख़बरों से भरे होते हैं जिनमे नवजन्मी बच्चियों तक को नही छोड़ा गया है और ऐसी घिनौनी करतूतों को कोई भी तर्क देकर सही ठहराना भी उतना ही घिनौना काम है जितना की उसे करना। 

हमारे देश में शायद ही कोई ऐसा गरीब हो जो ईश्वर को ना पूजता हो। हर घर में ईश्वर पूजे जाते हैं।  हर घर में भगवान् की मूर्ति, फोटो या कोई न कोई प्रतिरूप जरूर होता है, पर सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इसी देश में हर रोज हजारों बच्चे कुपोषण (भोजन की कमी) की वजह से दम तोड़ देते हैं।  ये कैसा भगवान् है जो अपने भक्तों को ही भूखा मारता है? 
  • कहाँ होता है ईश्वर जब उनके दर्शन करने जा रहे भक्तों की बस खाई में गिर जाती है?
  • कहाँ होता है ईश्वर जब हर साल हजारों अन्नदाता किसान फसलों के बर्बाद होने की वजह से अपनी जान दे देते हैं?
  • कहाँ होता है ईश्वर जब मासूमों पर अत्याचार होता है?
  • कहाँ होता है ईश्वर जब ये लूटेरे नेता जनता को लूट कर अपनी तिजोरियां भरते हैं?
इन सब सवालों का एक ही जवाब है - ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं हैं। ईश्वर की रचना लोगों को डराने और उनका शोषण करने के लिए की गयी है। हमें हर बात को ईश्वर पे टालने की बजाये उन बातों का सामना खुद करना होगा। हमें ऐसे सख्त क़ानून बनाने होंगे जिनसे कुकर्म करने वाले लोग और हमें लूटने वाले नेता डरें। हमें अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए खुद ही आगे आना होगा और खुद ही उस बदलाव का हिस्सा बनना होगा क्योकिं कोई ईश्वर नहीं आने वाले पाप और पापियों का नाश करने।

मुझे उम्मीद है की बहुत जल्द देश का युवा जागेगा और देश में वो बदलाव लाएगा जो भारत को दुनिया में सबसे ऊँचा दर्ज दिलायेगा। आप भी इस बदलाव का हिस्सा बने और इस पोस्ट को शेयर कर देश को जागरूक करें।
आजकल ईश्वर कहाँ है ? आजकल ईश्वर कहाँ है ? Reviewed by Rajiv Singh on 12:56 AM Rating: 5

1 comment:

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